ये कैसी पत्रकारिता !
सिर्फ चित्र ही काफी था किंतु कुछ जिज्ञासा उठी इसलिए लिखना पड़ा ।
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यदि बीजेपी विरोधी है तो फिर पत्रकार कैसा ?
और यदि पत्रकार है तो इसी एक राजनितिक दल के प्रति ही विरोध क्यूँ ?
किसी एक विशेष पक्ष का विरोध और पत्रकारिता दोनो परस्पर विरुद्धार्थी शब्द हैं ।
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मौत चाहे जिसकी भी हो सदैव दुखद ही होती है किंतु इस मौत पर सेलीब्रिटियों द्वारा मातम मनाये जाने का कारण भी शायद यही है वरना बिहार की भीड़ भरी सड़कों से बस्तर के सन्नाटे वाली सड़कों पर और भी कई पत्रकारों की लाशें मातम को तरसतीं रहीं ।
रविश बाबू ठीके पूछा करते थे - कौन जात के हो बे ?
और हाँ जात से याद आया कट्टर हिन्दुत्व की बुराईयों के विरुद्ध लड़ने वाली गौरी लंकेश पता नहीं किस जात की थी पर खबर है कि उसे दफनाया गया है ।
प्रभु जीसस मृतका के आत्मीयजनों को दुख सहने की शक्ति प्रदान करे । 😊👍
साभार : बुड़बक
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